meri awaz
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एक दिन याद करोगे हमको तन्हाई मे…
जब मेरा अश्क रह जायेगा परछाई मे…
ढूंढते फिरोगे हमको किसी के घर बजती शहनाई मे…
आँसू भी बंधन तोड़कर आँखों की चिलमन से बह जायेगे…
लेकिन हम कही नज़र नही आयेगे…
हमारी चीज़ो को बार-२ छुओगे…
फिर भी हमे महसूस नही कर पाओगे…
जब ठंडी हवा के झोंके तुम्हे सतायेंगे…
तो हमारा अहसास पाओगे…
लेकिन तुम हमे कभी भी अपने से दूर नही पाओगे…
जब तुम आँखें बंद करके मुझको पुकरोगे…
तो मुझे हमेशा अपने पास पाओगे…
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